Saturday, December 31, 2022

साल 2022 में कुशराज झाँसी

        साल 2022 में कुशराज झाँसी



यी साल २०२२ के आखिरी दिनाँ हम अपने समाजी, संसकिरतियाई, लिखनाई, बकीली, सिक्छाई और नेतागिरी में करे गए कामन कौ ब्यौरा दे रए। 


साल २०२२ हमाए जीबन को अनोखो साल रओ कायकी यी साले चैत / मार्च में हमाई पैली किताब - 'पंचायत' (हिन्दी कहानी और कविता संग्रह); बुंदेलखंड में पुनर्जागरन के बाप, झाँसी के कमिसनर रए पूज्जनीय डॉ० अजै संकर पांडे जू के निर्देसन और बिख्यात लेखक, हिन्दी बिभाग बुंदेलखंड दुनियाईग्यानपीठ झाँसी के आचार्य पूज्जनीय डॉ० पुनीत बिसारिया जू की अध्यक्छता में गठित और उत्तर सरकार से अनुदानित समिति - बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति, झाँसी की ऐतहासिक पहिल 'गुमनाम से नाम की ओर' के तहत अनामिका पिरकासन, पिरयागराज सें पिरकासित भई। जीमें शुभानुशंसा डॉ० अजै संकर पांडे जू नें और अभिमत डॉ० पुनीत बिसारिया जू नें लिखो। पुनीत सर नें हमें बुंदेलखंड साहित्य उन्नयन समिति, झाँसी कौ सदस्य बनाओ, लेखन की दुनिया में हमाई नई गैल बनाई।



यी साल हमनें बुंदेली / बुंदेलखंडी भासा की कछियाई बोली में डायरी - 'बुंदेलखंडी युबा की डायरी' लिखी। और ऊको एक हिस्सा अपने बिलॉग - 'कुशराज की आवाज' और सोशल मीडिया पे पिरकासित करौ। हमने किसान विमर्श की कछियाई कहानी - 'रीना' १५ दिसंबर खों लिखी और बा १७ दिसम्बर खों बनारस से 'मानस पत्रांक' में पिरकासित भई। हमनें बुंदेली लघुकथा - 'पिरकिती' १३ दिसंबर खों लिखी और बा १४ दिसंबर खों 'बुन्देली झलक' पे पिरकासित भई और १४ दिसंबर खों 'मानस पत्रांक' में पिरकासित भई। बुंदेलखंड की संस्कृति और पर्यटन सम्बंधित दो लेख लिखे - १. 'बुंदेलखंड की पंगत : अनोखी भोजन - व्यवस्था', २. 'बरुआसागर - बुंदेलखंड का ऐतिहासिक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र', जे दोई लेख 'बुन्देली झलक' पे पिरकासित भए। 'बुन्देली झलक' के संस्थापक पूज्जनीय गौरीसंकर रंजन उर्फ जी० एस० रंजन चाचाजी नें २५ दिसंबर खों 'बुन्देली झलक' पे बुंदेलखंड के साहित्यकार कैटिगरी में हमाओ जीबन पिरचय - 'गिरजाशंकर कुशवाहा कुशराज' पिरकासित करौ।




बिख्यात साहित्यकार और लोकसंस्कृतिकर्मी पूज्जनीय डॉ० रामसंकर भारती गुरूजी नें हमें कला और साहित्य साधकों खों समपरत रास्ट्रीय संस्था - 'कलार्पन' सें जोड़ो और हम संगठन में झाँसी जिला के जिलामंतरी बने और 18 दिसम्बर खों बरूआसागर में सम्पन्न भई प्रांतीय बैठक में सामिल होकें साहित्य और संसकिरती के बिकास में हाँत बटाबे कौ मौका मिलो। गुरूजी के संगे मई मईना में बिख्यात हीरो और नेता राजा बुंदेला के संयोजन में ओरछा में आयोजित 'राम महोत्सओ - २०२२' में सामिल होबे कौ सौभाग्य मिलो।



बकालत के साथी भज्जा ग्यानेस कुसबाहा ने अपनी जाति - समाज के रास्ट्रीय संगठन - अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा में जोड़ो और संगठन में जिला झाँसी कौ जिला संगठन मंत्री कौ पद दिबाओ। संगठन में सक्रिय रैबे पे समाज के बिकास के लानें केऊ कारीकिरमन खों देखो और भगबान श्रीराम और सीता मैया के बेटे कुश के वंशज - कुशवाहा / काछियों की मात्तभासा कछियाई बोली खों दुनिया में पैचान दिलाबे के लानें हमें बढ़ाबो मिलो।


जुलाई में अपने हल्के भज्जा, कबड्डी खिलाड़ी पिरसांत कुसबाहा 'पिरसू' कौ सैफई जिला इटावा के मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स कॉलेज में एडमीसन कराओ। पिरसू के संगे  एडमीसन ट्राईयल के लानें लखनऊ और सैफई जाबे कौ मौका मिलो और खेल की दुनिया खों नेंगर सें देखो।




२६-२९ अगस्त में दिल्ली गए और बिख्यात लेखिका, सिनेमा - मीडिया की विशेषज्ञ और हंसराज कॉलेज की यशस्वी पिरिनसिपल पूज्जनीय प्रो० रमा शर्मा मैम के हांतों हंसराज कॉलेज, दिल्ली यूनीबर्सिटी में अपनी स्नातक - बी०ए० हिन्दी ऑनर्स की डिग्री लई और मैम सें आसीरबाद लओ। अपने कॉलेज टैम के पिरोफेसरों, संगी - साथी, दोस्तों, जूनियरों सें मिलकें कॉलेज टैम की यादें ताजा कीं। दोस्त पिरेनना मिसरा कौ २५ अगस्त खों जनमदिन हतो तो उए गिफ्ट में किताब - 'औरत के हक में - तस्लीमा नसरीन' दई और ऊनें डोमिनोज में पिज्जा पार्टी दई।







श्रीपीताम्बरा पीठ संस्कृत महाबिद्यालय, दतिया की सहायक आचार्या, संस्कृत संस्कृति विकास संस्थान मध्यप्रदेश की सचिब एवं बुन्देली भाषा विशेषज्ञ पूज्जनीय  डॉ० रमा शर्मा 'आर्य'  मैम नें हमें संस्कृत संस्कृति विकास संस्थान सें जोड़ो और जिला संगठन विस्तार प्रमुख - जिला झाँसी बुंदेलखंड कौ दायित्त्व सौंपो। मैम के बुलाऊआ पे २५ दिसंबर खों पीताम्बरा माई के दरस करबे, गीता पाठ और तुलसी पूजन के कारीकिरम में सामिल होबे कौ सौभाग्य मिलो। 



दुनिया के सबसे बड़े छात्त संगठन - अखिल भारतीय बिद्यार्थी परिसद में सक्रिय रैबे पे केऊ सिक्छाई, समाजी और राजनीतिक कारीकिरमों में सामिल होकें जीबन के अनोखे अनुभओ पाए। 


जिला जज्जी / कचेरी झाँसी में १३ जनबरी लौक सीनियर बकील मोहम्मद सिद्दीक खान साब और १६ मई सें १२ अक्टूबर लौक सीनियर बकील घनस्यामदास कुसबाहा जू की निगरानी में इंटरनसिप करकें बकीली सीकी।



सब जनन खों नई साल - २०२३ की राम - राम 🙏🙏🙏


©️ गिरजासंकर कुसबाहा 'कुसराज झाँसी'

३१ दिसंबर २०२२, झाँसी, बुंदेलखंड 







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