हमारा देश भारत प्रमुख कृषिप्रधान देश है, यहाँ पर लगभग 70% आबादी कृषि कार्य पर निर्भर है। इसलिए हम अपने देश को 'किसानों का देश' कहता हूँ। आजकल देश में किसानों की हालात बहुत बदत्तर हो गयी है। प्रकृति की मार, अतिवृष्टि ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है। तेज वर्षा के साथ ओलों के गिरने से फसलें सर्वनाश हो गईं हैं। किसानों को खुदका पेट भरने के लिए अन्न उत्पादन करना मुश्किल पड़ रहा है।
आज भारत के आंध्र प्रदेश और बुन्देलखण्ड क्षेत्र में किसान अपनी फसल को चौपट देखकर आत्महत्या कर रहा है। सरकार इस घटना की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीँ दे रही है। सरकार को पीड़ित किसान को आर्थिक सहायता के रूप में फसल - सर्वेक्षण के आधार पर अधिक से अधिक मुआवजा देना चाहिए। सरकार को किसान के बिजली बिल और बैंक का ऋण माफ़ करना चाहिए।
हमारी भारत सरकार को किसानों की इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसान ही देश की शान हैं। किसान ही खाद्यान्न, फल, सब्जियों आदि खाद्य - पदार्थों का उत्पादन करता है और सरकार इन खाद्य - पदार्थों का निर्यात विदेशों को करती है और काफी विदेशी मुद्रा कमाती है एवं आर्थिक कोष में बढ़ोत्तरी करती है।
किसान ही देश की जनता की भूँख मिटाते हैं इसलिए सरकार को किसानों के विकास की अनेक कल्याणकारी योजनाएँ बनानी चाहिए। जैसे - मुफ्त सिंचाई योजना, मुफ्त खाद योजना आदि। सरकार को देश में अनेक कृषि विद्यालय और विश्वविद्यालय खुलवाने चाहिए और किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से कृषि कराने में मदद करनी चाहिए।
जैसे सरकार भारी मुद्रा पार्क बनाने में, बड़े - बड़े राजनेता मूर्तियाँ बनवाने में, शादी, जन्मोत्सव, महोत्सवों में अरबों रुपये खर्च कर देते हैं। उन्हें ऐसा नहीँ करना चाहिए। सरकार और राजनेताओं को ये रुपये किसानों के विकास में खर्च करना चाहिए। सरकार को महँगाई कम करनी चाहिए।
आज की तरह ही यदि किसान आत्महत्याऐं करते रहे तो हमें अन्न कौन देगा? और देश की अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत होगी? भारत कैसे विकसित देश बनेगा? ऐसे हजारों प्रश्न उठते हैं। ऐसे प्रश्नों का जबाव सिर्फ और सिर्फ किसानों का विकास करना है और उन्हें किसी भी हालात में दुःखी नहीँ होने देना है। इसलिए तो कहा जा सकता है कि 'किसान बचाओ - देश बचाओ।' किसान रहेंगे तो कृषि होगी और कृषि होगी तो अन्न होगा। अन्न होगा तो हम होंगे।
किसानों पर स्वरचित पंक्तियाँ आपसे साझा कर रहा हूँ -:
'किसान'
बारहों महीने जो खेतों में करता है काम।
सच्चा किसान है उसका नाम।।
खेतों को जोतता, बीज बोता,
बीज उगकर जब तैयार हो जाता।
तो फसल को सिंचित करता,
खाद देता, दवाइयाँ देता।
आदि करता है काम।
सच्चा किसान है उसका नाम।।
आज भारत के आंध्र प्रदेश और बुन्देलखण्ड क्षेत्र में किसान अपनी फसल को चौपट देखकर आत्महत्या कर रहा है। सरकार इस घटना की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीँ दे रही है। सरकार को पीड़ित किसान को आर्थिक सहायता के रूप में फसल - सर्वेक्षण के आधार पर अधिक से अधिक मुआवजा देना चाहिए। सरकार को किसान के बिजली बिल और बैंक का ऋण माफ़ करना चाहिए।
हमारी भारत सरकार को किसानों की इस स्थिति पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसान ही देश की शान हैं। किसान ही खाद्यान्न, फल, सब्जियों आदि खाद्य - पदार्थों का उत्पादन करता है और सरकार इन खाद्य - पदार्थों का निर्यात विदेशों को करती है और काफी विदेशी मुद्रा कमाती है एवं आर्थिक कोष में बढ़ोत्तरी करती है।
किसान ही देश की जनता की भूँख मिटाते हैं इसलिए सरकार को किसानों के विकास की अनेक कल्याणकारी योजनाएँ बनानी चाहिए। जैसे - मुफ्त सिंचाई योजना, मुफ्त खाद योजना आदि। सरकार को देश में अनेक कृषि विद्यालय और विश्वविद्यालय खुलवाने चाहिए और किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से कृषि कराने में मदद करनी चाहिए।
जैसे सरकार भारी मुद्रा पार्क बनाने में, बड़े - बड़े राजनेता मूर्तियाँ बनवाने में, शादी, जन्मोत्सव, महोत्सवों में अरबों रुपये खर्च कर देते हैं। उन्हें ऐसा नहीँ करना चाहिए। सरकार और राजनेताओं को ये रुपये किसानों के विकास में खर्च करना चाहिए। सरकार को महँगाई कम करनी चाहिए।
आज की तरह ही यदि किसान आत्महत्याऐं करते रहे तो हमें अन्न कौन देगा? और देश की अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत होगी? भारत कैसे विकसित देश बनेगा? ऐसे हजारों प्रश्न उठते हैं। ऐसे प्रश्नों का जबाव सिर्फ और सिर्फ किसानों का विकास करना है और उन्हें किसी भी हालात में दुःखी नहीँ होने देना है। इसलिए तो कहा जा सकता है कि 'किसान बचाओ - देश बचाओ।' किसान रहेंगे तो कृषि होगी और कृषि होगी तो अन्न होगा। अन्न होगा तो हम होंगे।
किसानों पर स्वरचित पंक्तियाँ आपसे साझा कर रहा हूँ -:
'किसान'
बारहों महीने जो खेतों में करता है काम।
सच्चा किसान है उसका नाम।।
खेतों को जोतता, बीज बोता,
बीज उगकर जब तैयार हो जाता।
तो फसल को सिंचित करता,
खाद देता, दवाइयाँ देता।
आदि करता है काम।
सच्चा किसान है उसका नाम।।
✒ कुशराज
झाँसी बुन्देलखण्ड
_20/3/2015_10:25पूर्वान्ह
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